हमारा इतिहास - रयू एम्स्टर्डम के शानदार दिन

02. रयू एम्स्टर्डम के शानदार दिन

1925 के दौरान हेनरी आन्द्रुएत फ्रांस के ग्रामीण संसाधनों के बारे में इतने उत्सुक थे कि उन्होनें एक "पनीर कैलेंडर” बनाया।
इसमें सौ से भी अधिक प्रकार के पनीर थे, जो क्षेत्रीय या समुदाय के नाम और उनके परिपक्व अवधि के साथ मौज़ूद थे। 
ये अप्रकाशित पन्ने ग्राहकों की इच्छाओं और जिज्ञासाओं का इतना ध्यान रखते और लुभाते थे कि हेनरी आन्द्रुएत ने अपने परिपक्वन तहखाने साथ ही आस्वादन कक्ष बनाया।

पेरिस के सभी प्रशंसक तुरंत पनीर पर आधारित पारंपरिक व्यंजनों को पाने के लिए वहाँ जमा होने लग गये।

अपने बेटे पियेर के साथ, उन्होनें 30 के दशक के मध्य से पनीर डेयरी के उपर वह प्रसिद्ध रेस्तरां खोला जिसने इस परिवार को उसकी प्रसिद्धि का आश्वासन दिया।

उनका मदिरा संग्रह, मेन्यू का विस्तार और गुणवत्ता के साथ ध्यान रखने वाली सेवा ने जल्दी ही इस जगह को प्रसिद्ध बना दिया।

आन्द्रुएत की मौलिकता और विशेषज्ञता से प्रतिष्ठित ग्राहकों को नए दृष्टिकोण से आम आदमी के साथ बैठकर पनीर का स्वाद लेने और उसकी प्रशंसा करने में आकर्षित होने में देर नहीं लगी।

उपन्यासकार कोलेत से लेकर एस्ट्रिक्स के रचयिताओं तक, ज्यँ गाबें से ऑरसन वेल्स तक, यहांतक कि तोशिरो मिफुन और अरनेस्ट हेमिंगवे भी - समाचार की सुर्ख़ियों से कलाजगत तक के प्रसिद्ध नामों का शुमार यहाँ आने वालों में था।

इनमें मारिया कालास भी थीं जो पनीर की बहुत बड़ी शौकीन थीं और जब भी यहाँ आतीं तो किचन में जाकर अपनी पसंद के पनीर के साथ स्क्रैम्बलड अंडे स्वयं बनाती थीं।

----- रयू एम्स्टर्डम पर पनीर आस्वादन।  -----